पेट में गैस, जलन और सूजन – कब सामान्य है और कब बीमारी का संकेत?

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By Dr. Mohammad Shahid Siddiqui in Gastro Sciences

Jun 20, 2025

कई लोगों को अक्सर पेट में गैस, जलन, या सूजन की शिकायत होती है। कभी-कभी यह सामान्य होता है – जैसे अधिक मसालेदार खाना खाने के बाद। लेकिन जब ये लक्षण बार-बार या बिना वजह हों, तो यह बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं।

चलिए जानते हैं –
क्या ये लक्षण सामान्य हैं? या किसी पाचन रोग का इशारा करते हैं?
और इनसे राहत पाने के घरेलू तरीके, परहेज़ और कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

पेट में गैस, जलन और सूजन के सामान्य कारण

पेट से जुड़ी समस्याएं अक्सर हमारी दिनचर्या, खानपान और मानसिक स्थिति से जुड़ी होती हैं। नीचे इन समस्याओं के मुख्य कारणों को विस्तार से बताया गया है:

गलत खानपान (Poor Eating Habits)

गलत खानपान पेट में गैस, जलन और सूजन का सबसे सामान्य कारण है।
इसमें शामिल हैं:

  • मसालेदार खाना – ज्यादा मिर्च, गरम मसाले और तेज नमक पेट की आंतों को उत्तेजित करते हैं, जिससे एसिडिटी बढ़ती है।
  • तली-भुनी चीज़ें – जैसे समोसा, पकौड़े, पिज्ज़ा, बर्गर जैसी चीजें पचने में भारी होती हैं और गैस बनाती हैं।
  • बासी खाना – बासी या खराब तरीके से स्टोर किया गया खाना पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • भोजन का अनियमित समय – कभी ज़्यादा खाना, कभी भूखा रहना, इससे पाचन क्रिया असंतुलित हो जाती है और पेट में गैस बनने लगती है।
  • तेज गर्म या बहुत ठंडा खाना – पाचन क्रिया पर असर डालता है।

 

जल्दी-जल्दी खाना खाना (Eating Too Fast)

बिना चबाए खाना निगलना पेट में गैस बनने का बड़ा कारण है। ऐसा करने पर:

  • खाना सही से लार से नहीं मिल पाता, जिससे पाचन सही नहीं होता
  • खाने के साथ हवा भी पेट में जाती है, जो डकार और पेट फूलने की वजह बनती है
  • जल्दी खाना खाने से पेट को समय पर “भरा हुआ” महसूस नहीं होता और व्यक्ति ज़्यादा खा लेता है, जिससे पेट में जलन और गैस होती है

मानसिक तनाव और स्ट्रेस (Mental Stress & Anxiety)

क्या आप जानते हैं कि तनाव सीधे आपके पेट को प्रभावित करता है?

  • स्ट्रेस की स्थिति में शरीर में कोर्टिसोल और अन्य हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो पाचन क्रिया को धीमा कर देता है
  • इससे अपच, एसिडिटी, और गैस बनना शुरू हो जाता है
  • कई लोग स्ट्रेस में भावनात्मक खाने (emotional eating) का सहारा लेते हैं, जिससे और समस्या बढ़ती है

तनाव केवल मानसिक नहीं, पेट के लिए भी हानिकारक है

ज्यादा दवाइयां लेना (Overuse of Medications)

लंबे समय तक दवा लेने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है, विशेषकर:

  • Painkillers (जैसे Ibuprofen, Diclofenac) – पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाते हैं और अल्सर, एसिडिटी, और जलन पैदा कर सकते हैं
  • Antibiotics – आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं, जिससे गैस और पेट फूलना होता है
  • Iron या Calcium सप्लीमेंट्स – अक्सर कब्ज और गैस की शिकायत करते हैं

यदि आपको लगातार गैस या पेट दर्द दवाइयों के बाद हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लें

हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes – Especially in Women)

महिलाओं में पेट की गैस और सूजन हार्मोनल असंतुलन से भी जुड़ी होती है:

  • मासिक धर्म (Periods) – इस दौरान प्रोजेस्टेरोन बढ़ने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे गैस, सूजन और जलन होती है
  • प्रेग्नेंसी – प्रेग्नेंसी के शुरुआती और अंतिम चरण में महिलाओं को बार-बार पेट फूले रहने की, जलन और कब्ज की शिकायत होती है
  • मेनोपॉज – इस समय भी हार्मोनल परिवर्तन के कारण पाचन धीमा हो सकता है

इन हार्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं को गैस, सूजन और एसिड रिफ्लक्स की समस्या ज़्यादा होती है।

ये लक्षण कब बीमारी का संकेत होते हैं? (Detailed Red Flags)

हममें से अधिकतर लोग कभी न कभी गैस, जलन या पेट फूलने का अनुभव करते हैं — लेकिन जब ये लक्षण लगातार, तेज़, या बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार हो रहे हों, तो यह केवल सामान्य पाचन समस्या नहीं, बल्कि किसी छिपी बीमारी का संकेत हो सकता है।

नीचे हम ऐसे लक्षणों की सूची दे रहे हैं, जिन्हें हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है:

खाना खाने के बाद पेट में भारीपन और गैस

संकेत: खाना खाने के 10–20 मिनट बाद पेट में तनाव, भारीपन या फुलापन लगना
क्यों चिंताजनक है?
यह डिस्पेप्सिया (Indigestion) या पाचन एंजाइम की कमी का संकेत हो सकता है। यह लक्षण फैटी लीवर, गैस्ट्रोपेरेसिस, या गैस्ट्रिक मोटोरेटी डिसऑर्डर से भी जुड़ा हो सकता है।

बार-बार डकार आना या खट्टी डकार

संकेत: बिना खाए भी बार-बार हवा निकलना या गले में खट्टा स्वाद आना
क्यों चिंताजनक है?
यह एसिड रिफ्लक्स (GERD) या Hiatal Hernia का लक्षण हो सकता है। लंबे समय तक नजरअंदाज करने से अन्ननलिका (esophagus) में सूजन या जख्म भी बन सकते हैं।

गैस के कारण सीने में जलन या छाती में दर्द

संकेत: छाती में जलन या दबाव जैसा महसूस होना, विशेषकर झुकने या लेटने पर
क्यों चिंताजनक है?
यदि सीने में जलन बार-बार होती है, तो यह GERD, एसिडिटी, या अल्सर का संकेत है।
⚠ कई बार गैस का दर्द हार्ट अटैक से मिलता-जुलता होता है, इसलिए ECG जरूरी है।

भूख कम लगना, मतली या उल्टी आना

संकेत: भोजन देखने या सोचने से भी जी मिचलाना या भूख न लगना
क्यों चिंताजनक है?
यह गैस्ट्राइटिस, पेप्टिक अल्सर, लीवर संबंधी रोग, या पित्ताशय की पथरी का लक्षण हो सकता है।

पेट में लगातार गैस या सूजन (Bloating all day)

संकेत: बिना कुछ खाए भी पेट फूला हुआ लगना
क्यों चिंताजनक है?
यह Irritable Bowel Syndrome (IBS), Small Intestinal Bacterial Overgrowth (SIBO) या लैक्टोज इन्टॉलरेंस का इशारा कर सकता है।
महिलाएं इसे अक्सर मासिक चक्र से जोड़कर नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन अगर यह नियमित हो, तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है।

गैस के कारण सांस लेने में तकलीफ

संकेत: छाती में दबाव, हल्का घबराहट या साँस कम आना
क्यों चिंताजनक है?
पेट में गैस का दबाव डायफ्राम को ऊपर धकेलता है जिससे फेफड़े पूरी तरह नहीं फैल पाते। यह hyperacidity या gastritis का संकेत हो सकता है।
अगर सांस फूलना लगातार बना रहे, तो फेफड़ों या दिल की जांच ज़रूरी है।

अन्य खतरनाक संकेत:

  • रात में पेट दर्द के कारण नींद खुलना
  • खून की उल्टी या काला मल
  • तीव्र कमजोरी या चक्कर आना
  • बिना वजह वजन कम होना

ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें


पुरुषों और महिलाओं में पेट की गैस और सूजन के लक्षण

पुरुषों में पेट की गैस और जलन:

  • सुबह उठते ही गैस बनना – यह आमतौर पर रात में भारी खाना खाने या देर रात तक जागने का परिणाम होता है
  • काम का तनाव और धूम्रपान – पुरुषों में यह दो कारण सबसे ज्यादा एसिडिटी और पेट की जलन को बढ़ाते हैं
  • बैठे रहने की नौकरी (sedentary lifestyle) – इससे पाचन धीमा होता है और गैस का बनना बढ़ता है

महिलाओं में पेट की सूजन, कब्ज और जलन:

  • मासिक धर्म (Periods) के दौरान पेट फूलना: हार्मोनल बदलाव से शरीर में पानी रुकता है और आंतों की मांसपेशियां धीमी हो जाती हैं
  • प्रेग्नेंसी में पेट में जलन और गैस: हॉर्मोनल असंतुलन और बढ़ा हुआ गर्भाशय पेट पर दबाव डालते हैं
  • मेनोपॉज के समय पाचन में बदलाव – जिससे बार-बार गैस, जलन और कब्ज हो सकता है

महिलाएं इन लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज़ कर देती हैं क्योंकि इन्हें “नॉर्मल” माना जाता है, लेकिन जब ये लंबे समय तक बने रहें तो यह IBS, थायरॉइड, या लिवर से जुड़ी बीमारियों का संकेत भी हो सकता है।

जरूरी टेस्ट और जांच

डॉक्टर निम्नलिखित जांचें सुझा सकते हैं:

पेट की गैस और जलन से राहत के घरेलू उपाय

तुरंत राहत देने वाले उपाय:

  • गुनगुना पानी पिएं
  • अजवाइन + काला नमक चबाएं
  • 1 चुटकी हींग + गर्म पानी
  • सौंफ और मिश्री खाने के बाद लें

खाने में क्या शामिल करें?

  • दही या छाछ
  • नींबू पानी, जीरा पानी
  • दलिया, खिचड़ी, ओट्स
  • हरी सब्जियां और फल

किन चीज़ों से बचें?

  • तली-भुनी चीजें, चटपटा खाना
  • धूम्रपान और शराब
  • गैस बनानी वाली चीजें जैसे छोले, राजमा, कोल्ड ड्रिंक्स

लाइफस्टाइल में ये बदलाव करें

  • भोजन के बाद टहलना
  • तनाव कम करने के लिए योग या ध्यान
  • दिनचर्या नियमित रखें
  • रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले लें

कब डॉक्टर को दिखाएं?

पेट में गैस, जलन या सूजन तब खतरनाक हो सकती है, जब ये लक्षण...

  • 2 हफ्ते से अधिक समय तक बने रहें
    • गैस, जलन या सूजन लगातार बनी हो
    • घरेलू उपायों से राहत न मिले
      👉 संकेत: क्रॉनिक एसिडिटी, IBS या गैस्ट्राइटिस
  • नींद में खलल डालें
    • लेटते ही जलन या डकारें बढ़ें
    • रात में बार-बार नींद टूटे
      👉 संकेत: Nocturnal GERD या गंभीर एसिडिटी
  • तेज पेट दर्द के साथ हों
    • दर्द चुभन जैसा या असहनीय हो
    • दाहिनी तरफ या नीचे की ओर ज्यादा महसूस हो
      👉 संकेत: अल्सर, गॉल स्टोन या अपेंडिसाइटिस
    • खून की उल्टी या काला मल हो
    • उल्टी में खून दिखे
    • मल गाढ़ा, टार जैसा हो
      👉 संकेत: गैस्ट्रिक ब्लीडिंग – इमरजेंसी केस
  • बिना वजह वजन कम हो रहा हो
    • भूख कम लग रही हो
    • गैस, अपच और थकान भी साथ हो
      👉 संकेत: क्रॉनिक डाइजेस्टिव डिसऑर्डर या आंत से जुड़ी बीमारी

क्या करें?

ऐसे लक्षण नजरअंदाज न करें।
Paras Health में अनुभवी गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट उपलब्ध हैं जो आधुनिक तकनीकों से आपकी स्थिति की जाँच कर सही उपचार शुरू करते हैं।

अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: 8080808069

निष्कर्ष: अब हल्के में न लें

पेट में गैस, जलन और सूजन – जब ये कभी-कभार हो, तो चिंता की बात नहीं।
लेकिन अगर यही लक्षण बार-बार लौटें, आपकी नींद, भूख, दिनचर्या और मन की शांति को प्रभावित करें – तो यह संकेत है कि शरीर अंदर से मदद मांग रहा है।

समय पर इलाज ही सबसे बड़ा उपाय है।
सही खानपान, नियमित दिनचर्या और डॉक्टर की सलाह मिलकर ही स्थायी राहत संभव है।

Mohammad Shahid Siddiqui
Dr. Mohammad Shahid Siddiqui
Consultant - GASTROENTEROLOGY
Meet The Doctor

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