कमर और पीठ दर्द क्या है? जानिए लक्षण, कारण, बचाव और इलाज के असरदार तरीके

कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द (Lower Back Pain)

TABLE OF CONTENTS

By Dr. Lubna Khurshid in Orthopaedics

Jun 13, 2025

कमर और पीठ दर्द क्या है? (What is Lower Back Pain?)

कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द (Lower Back Pain) आजकल एक बेहद आम लेकिन परेशान कर देने वाली समस्या बन चुकी है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर कई हफ्तों तक बना रह सकता है और व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकता है। यह मांसपेशियों की कमजोरी, स्लिप डिस्क, साइटिका या रीढ़ की हड्डी की अन्य समस्याओं के कारण हो सकता है।

Paras Health में हम इस समस्या के हर पहलू को समझते हैं और आपकी उम्र, लिंग, जीवनशैली और लक्षणों के अनुसार एक व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान तैयार करते हैं।

कमर और पीठ दर्द के लक्षण क्या हैं? (What Are the Symptoms of Lower Back Pain?)

  • पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द या जलन
  • झुकने, उठने, चलने में कठिनाई
  • लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने पर दर्द
  • सुबह उठते ही अकड़न
  • पैरों में सुन्नपन, झनझनाहट या कमजोरी
  • कमर से पैर तक फैलता दर्द (साइटिका)

ध्यान दें: यदि लक्षण लगातार 3 दिन से अधिक बने रहें, तो विशेषज्ञ से परामर्श लें।

कमर और पीठ दर्द किन कारणों से होता है? (What Causes Lower Back Pain?)

  1. गलत पोस्चर: लगातार झुककर बैठना या खड़े रहना रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालता है।
  2. भारी सामान उठाना: अचानक वजन उठाने से मांसपेशियों में खिंचाव या स्लिप डिस्क हो सकती है।
  3. स्लिप डिस्क या साइटिका: डिस्क बाहर आकर नसों पर दबाव बनाती है, जिससे तीव्र दर्द होता है।
  4. गठिया या स्पोंडिलोसिस: उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में सूजन और जकड़न बढ़ती है।
  5. हार्मोनल बदलाव: प्रेगनेंसी, पीरियड्स, मेनोपॉज़ से हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो सकती हैं।
  6. हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस): विशेषकर बुजुर्गों में देखा जाता है।
  7. मोटापा और फिजिकल इनएक्टिविटी: रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव और मांसपेशियों की कमजोरी बढ़ाता है।

किन लोगों को कमर दर्द का ज्यादा खतरा होता है? (Who Is at Higher Risk for Back Pain?)

  • ऑफिस वर्कर्स: लंबे समय तक लैपटॉप/डेस्क पर बैठना
  • प्रेगनेंट महिलाएं और मेनोपॉज़ के बाद महिलाएं
  • जिम करने वाले पुरुष या खिलाड़ी: अधिक वेट लिफ्टिंग या चोट
  • वरिष्ठ नागरिक: हड्डियों की ताकत कम होना
  • बच्चे और किशोर: भारी बैग, गलत बैठने की आदत
  • गृहिणियां: झुककर काम करने से रीढ़ पर दबाव
  • मोटे और निष्क्रिय लोग: अधिक वजन और कम फिजिकल एक्टिविटी

कमर दर्द से बचाव के असरदार तरीके क्या हैं? (What Are the Effective Ways to Prevent Lower Back Pain?)

  1. सही पोस्चर रखें: बैठते/खड़े होते समय पीठ सीधी हो।
  2. वजन उठाने की तकनीक अपनाएं: घुटने मोड़कर सामान उठाएं।
  3. योग और स्ट्रेचिंग करें: भुजंगासन, ताड़ासन जैसे योग फायदेमंद हैं।
  4. अच्छा गद्दा/कुर्सी चुनें: न सख्त, न अधिक मुलायम।
  5. हर 30–40 मिनट पर मूव करें: लगातार बैठना हानिकारक है।
  6. पोषण का ध्यान रखें: कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन युक्त आहार लें।
  7. वजन कंट्रोल में रखें: मोटापा दर्द को बढ़ाता है।
  8. तनाव कम करें: ध्यान और प्राणायाम से राहत मिलती है।
  9. आरामदायक जूते पहनें: ऊँची हील से बचें।
  10. नियमित हेल्थ चेकअप कराएं: खासकर यदि पहले से कोई रीढ़ की समस्या हो।

महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और बुजुर्गों में कमर दर्द की देखभाल कैसे अलग होती है?

महिलाओं में:

  • प्रेगनेंसी, पीरियड्स, मेनोपॉज़ के समय दर्द सामान्य है
  • झुकने और घरेलू कार्यों के कारण रीढ़ पर दबाव
  • महिलाओं में साइटिका और स्लिप डिस्क की आशंका अधिक

पुरुषों में:

  • जिम, ड्राइविंग, डेस्क जॉब से पीठ पर तनाव
  • अधिक वजन उठाने से मांसपेशियों में खिंचाव
  • स्पोर्ट्स इंजरी की वजह से भी दर्द आम

बच्चों में:

  • भारी स्कूल बैग
  • स्क्रीन टाइम के कारण झुका हुआ पोस्चर
  • खेलते समय लगी चोटें

बुजुर्गों में:

  • हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस)
  • स्पोंडिलोसिस और गठिया जैसी स्थितियाँ
  • चलने-फिरने में कठिनाई और संतुलन की कमी

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए? (When Should You See a Doctor for Back Pain?)

  • जब दर्द 3 दिन से ज़्यादा बना रहे
  • चलने, झुकने, उठने में दिक्कत हो
  • पैरों में सुन्नपन, कमजोरी या झनझनाहट हो
  • बुखार, वज़न घटना या थकावट जैसे अन्य लक्षण हों
  • दर्द आपकी नींद या दिनचर्या को प्रभावित कर रहा हो

Paras Health में आपको मिलेगा सम्पूर्ण स्पाइन केयर — फिजियोथैरेपी, न्यूरो और ऑर्थो विशेषज्ञों की टीम के साथ।

निष्कर्ष: सही समय पर इलाज क्यों जरूरी है?

कमर और पीठ दर्द को नज़रअंदाज़ करना आगे चलकर गंभीर स्पाइन डिसऑर्डर, नसों में स्थायी नुकसान या चलने-फिरने में बाधा का कारण बन सकता है।

सही समय पर विशेषज्ञ से जांच करवा कर आप दर्द से राहत पा सकते हैं और अपनी जीवनशैली को दोबारा सक्रिय बना सकते हैं।

महत्वपूर्ण सलाह:

कमर और पीठ दर्द को नजरअंदाज़ करना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन सकता है। अगर दर्द लगातार बना रहे, चलने में परेशानी हो, या पैरों में झनझनाहट और कमजोरी महसूस हो — तो यह स्लिप डिस्क, साइटिका या रीढ़ से जुड़ी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। समय पर विशेषज्ञ से सलाह लें।

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निष्कर्ष:

कमर और पीठ दर्द से पूरी तरह राहत पाना संभव है — बस ज़रूरत है समय रहते लक्षण पहचानने, सही देखभाल अपनाने और विशेषज्ञ की मदद लेने की। उम्र, लिंग और जीवनशैली के अनुसार इलाज से बेहतर परिणाम मिलते हैं। याद रखें, सक्रिय रहना ही सबसे अच्छा इलाज है।

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Dr. Lubna Khurshid
Senior Consultant - RHEUMATOLOGY
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