ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण: शुरुआती संकेत जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण: शुरुआती संकेत जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें

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By Dr. Sachin Kumar Singh in Neuro Sciences

Jul 18, 2025

ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) एक ऐसी स्थिति है जो अचानक होती है, लेकिन इसके असर जीवनभर महसूस हो सकते हैं। सही समय पर लक्षणों की पहचान और त्वरित इलाज न सिर्फ जान बचा सकता है, बल्कि आगे की जटिलताओं से भी बचा सकता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि ब्रेन स्ट्रोक क्या होता है, इसके प्रमुख लक्षण, शुरुआती संकेत, कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए, और कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब।

ब्रेन स्ट्रोक क्या होता है?

ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क (ब्रेन) में खून की आपूर्ति अचानक रुक जाती है या ब्रेन में खून बहने लगता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं, और व्यक्ति को लकवा (paralysis), बोलने या देखने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

  1. इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke): जब ब्रेन की नस में खून का थक्का (clot) बन जाता है।
  2. हीमोरहेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke): जब नस फट जाती है और ब्रेन में खून बहने लगता है।

इसके अलावा, टीआईए (Transient Ischemic Attack) या मिनी स्ट्रोक भी होता है जो थोड़ी देर के लिए लक्षण देता है लेकिन भविष्य में बड़े स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।

ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण

ब्रेन स्ट्रोक अचानक होता है, लेकिन इसके कुछ लक्षण और संकेत होते हैं जिन्हें पहचानकर तुरंत मदद ली जा सकती है:

1. शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नपन

  • अचानक एक हाथ, पैर या चेहरे का हिस्सा सुन्न या कमज़ोर हो जाना।
  • मुस्कराते समय एक तरफ का चेहरा झुक जाना।

2. बोलने या समझने में परेशानी

  • व्यक्ति की आवाज़ लड़खड़ाने लगती है।
  • बोलने में दिक्कत या दूसरों की बात समझने में कठिनाई।

3. देखने में समस्या

  • एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखना या अचानक दृष्टि चली जाना।

4. संतुलन बिगड़ना या चक्कर आना

  • चलने या खड़े होने में असमर्थता।
  • अचानक संतुलन खो देना या बेहोशी जैसा महसूस होना।

5. अचानक तेज़ सिरदर्द

  • बिना किसी कारण के तेज़ सिरदर्द, उल्टी या बेहोशी के साथ हो सकता है।

F.A.S.T. टेस्ट से पहचानें स्ट्रोक के संकेत

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों की त्वरित पहचान के लिए FAST टेस्ट याद रखें:

  • F (Face): क्या व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा ढीला है?
  • A (Arms): क्या वह दोनों हाथ ऊपर नहीं उठा पा रहा?
  • S (Speech): क्या उसकी आवाज़ अस्पष्ट या लड़खड़ाई हुई है?
  • T (Time): समय बहुत कीमती है, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

किन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज़्यादा है?

कुछ स्थितियों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है:

  • हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
  • डायबिटीज़
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • धूम्रपान और शराब का सेवन
  • मोटापा
  • हृदय रोग
  • पहले कभी टीआईए या मिनी स्ट्रोक होना
  • 60 वर्ष से अधिक आयु

क्या करें अगर ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखें?

  • तुरंत नज़दीकी अस्पताल ले जाएं या एंबुलेंस बुलाएं।
  • समय नोट करें कि लक्षण कब शुरू हुए।
  • व्यक्ति को लेटाएं और सिर थोड़ा ऊंचा रखें।
  • कुछ भी खाने-पीने को न दें।
  • बिल्कुल देर न करें—हर मिनट कीमती होता है।

ब्रेन स्ट्रोक से बचाव कैसे करें?

  • नियमित ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच करें।
  • संतुलित और कम नमक वाला आहार लें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • तनाव कम करें और भरपूर नींद लें।
  • यदि डॉक्टर ने कोई दवा दी है, तो समय पर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. ब्रेन स्ट्रोक का पहला लक्षण क्या होता है?

अक्सर एक हाथ या पैर का अचानक सुन्न होना, चेहरे का झुक जाना, या बोलने में कठिनाई पहले संकेत हो सकते हैं।

Q2. क्या ब्रेन स्ट्रोक अचानक होता है?

जी हाँ, ब्रेन स्ट्रोक बिना किसी चेतावनी के अचानक हो सकता है, खासकर जब पहले से कोई जोखिम कारक मौजूद हो।

Q3. टीआईए क्या होता है?

टीआईए यानी मिनी स्ट्रोक कुछ मिनटों तक रहता है और फिर ठीक हो जाता है, लेकिन यह एक बड़ा स्ट्रोक आने का संकेत हो सकता है।

Q4. क्या महिलाएं और पुरुषों के लक्षण अलग होते हैं?

कुछ मामलों में महिलाओं में उलझन, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द या अचानक थकान जैसे अलग लक्षण हो सकते हैं।

Q5. क्या स्ट्रोक का इलाज संभव है?

हां, अगर समय पर अस्पताल पहुँचाया जाए तो इलाज संभव है। थक्के को तोड़ने वाली दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन इनका असर तभी होता है जब लक्षणों के 3-4 घंटे के अंदर इलाज शुरू हो जाए।

Q6. ब्रेन स्ट्रोक की पहचान घर पर कैसे करें?

FAST टेस्ट से शुरुआती पहचान हो सकती है—चेहरा, हाथ, बोलने की क्षमता और समय को जांचें।

निष्कर्ष

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण को जानना और उन्हें समय पर पहचानना जीवन बचा सकता है। अगर आप या आपके किसी करीबी को चेहरे पर झुकाव, हाथ-पैर में कमजोरी, बोलने में परेशानी या देखने में दिक्कत हो रही है—तो इसे हल्के में न लें। तुरंत अस्पताल जाएं।

समय पर कदम उठाकर हम बड़ी जटिलताओं और विकलांगता से बच सकते हैं। याद रखें—हर मिनट कीमती होता है।

Sachin Kumar Singh
Dr. Sachin Kumar Singh
Consultant - NEUROSURGERY
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