बच्चों में वायरल फीवर (बुखार): लक्षण, कारण और प्राथमिक उपचार

बच्चों में वायरल फीवर (बुखार)

TABLE OF CONTENTS

By Dr. Sheila Chitranshi in Paediatrics

Jun 06, 2025

बच्चों में वायरल फीवर (बुखार) होना बहुत सामान्य समस्या है। छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए वे जल्दी इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं। बदलते मौसम, स्कूल में अन्य बच्चों के संपर्क में आना और वायरस का तेजी से फैलना इसके प्रमुख कारण होते हैं।

अधिकतर मामलों में वायरल फीवर कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन अगर समय रहते सही देखभाल न हो, तो यह परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

बच्चों में वायरल फीवर के लक्षण (Symptoms of Viral Fever in Children)

जब बच्चे को वायरल फीवर होता है तो उसका शरीर कुछ संकेत देने लगता है। ये संकेत बीमारी की गंभीरता के आधार पर हल्के या तेज हो सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि बच्चों में वायरल फीवर के दौरान कौन-कौन से लक्षण दिख सकते हैं:

तेज बुखार (100°F से 104°F तक)

  • शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है।
  • बुखार दिन में कभी कम और कभी ज्यादा होता है।
  • रात के समय अक्सर बुखार बढ़ जाता है।

गले में खराश और खांसी

  • गले में जलन, दर्द या सूजन महसूस होती है।
  • खांसी शुरू हो सकती है जो सूखी या बलगम वाली हो सकती है।

नाक बहना या बंद होना

  • बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
  • नाक से लगातार पानी गिर सकता है या नाक बंद हो सकती है।

कमजोरी और थकावट

  • बच्चा खेलना-कूदना छोड़ देता है।
  • शरीर में सुस्ती और थकावट बनी रहती है।

भूख में कमी

  • बच्चा सामान्य से कम खाना खाने लगता है।

उल्टी या दस्त

  • पेट खराब हो सकता है।
  • बार-बार उल्टी और लूज मोशन हो सकते हैं।

सिर दर्द और बदन दर्द

  • सिर में भारीपन महसूस होता है।
  • पूरे शरीर में दर्द रह सकता है।

नींद में परेशानी और चिड़चिड़ापन

  • बच्चा बेचैन रहता है और बार-बार जागता है।
  • चिड़चिड़ा और रोने वाला व्यवहार दिखा सकता है।

बच्चों में वायरल फीवर के कारण (Causes of Viral Fever in Children)

वायरल फीवर कई प्रकार के वायरस के संक्रमण के कारण होता है। आमतौर पर निम्न वायरस बच्चों में वायरल फीवर का कारण बनते हैं:

  • इन्फ्लुएंजा वायरस (Flu Virus)
  • डेंगू वायरस
  • रोटावायरस
  • राइनोवायरस (सर्दी-जुकाम का वायरस)
  • कोरोना वायरस (COVID-19)

चूंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए वायरस उन्हें जल्दी संक्रमित कर सकते हैं।

बच्चों में वायरल फीवर का प्राथमिक उपचार (Primary Treatment of Viral Fever in Children)

जब बच्चे में वायरल फीवर के लक्षण दिखें तो तुरंत ये प्राथमिक उपचार अपनाएं:

पर्याप्त आराम दें

  • आराम से शरीर को वायरस से लड़ने का मौका मिलता है।
  • पढ़ाई और शारीरिक गतिविधियों से थोड़ी छुट्टी दें।

शरीर में पानी की कमी न होने दें

  • नारियल पानी, नींबू पानी, सूप, ओआरएस जैसे तरल पदार्थ पिलाते रहें।
  • शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है।

डॉक्टर की सलाह से दवा दें

  • पैरासिटामोल (जैसे Calpol) बुखार कम करने में मदद करता है।
  • दवा की डोज हमेशा डॉक्टर से पूछकर ही दें।

सुपाच्य और हल्का भोजन दें

  • खिचड़ी, मूंग दाल, दलिया जैसे हल्के व पोषणयुक्त भोजन खिलाएं।
  • तली-भुनी और मसालेदार चीजों से परहेज करें।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें

  • बच्चे के हाथ बार-बार धुलवाएं।
  • मास्क का उपयोग करें।
  • घर के वातावरण को स्वच्छ और हवादार रखें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें? (When to See a Doctor?)

कई बार स्थिति सामान्य नहीं रहती। अगर नीचे दिए लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें:

  • बुखार लगातार 3-4 दिनों तक बना रहे।
  • बच्चा बेहद सुस्त और कमजोर हो जाए।
  • सांस लेने में दिक्कत हो।
  • बार-बार उल्टी या दस्त हो।
  • त्वचा पर लाल दाने या रैशेज दिखें।
  • बच्चे को दौरे (Seizures) आने लगें।

बच्चों में वायरल फीवर से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Viral Fever in Children)

"बचाव इलाज से बेहतर है।" बच्चों को वायरल फीवर से बचाने के लिए कुछ साधारण आदतें बहुत काम आती हैं:

  • बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचाएं।
  • सभी वैक्सीनेशन समय पर कराएं।
  • पौष्टिक आहार दें ताकि इम्यून सिस्टम मजबूत हो।
  • घर और आसपास सफाई बनाए रखें।

निष्कर्ष (Conclusion)

बच्चों में वायरल फीवर एक आम बीमारी है लेकिन सही देखभाल से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हो जाएं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। सही समय पर उपचार से बच्चे जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं।

अगर आपके बच्चे में वायरल फीवर के लक्षण दिखें तो परास हेल्थ के बाल रोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें।

अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: 8080808069
निकटतम Paras Hospital: Gurugram, Patna, Panchkula, Srinagar, Ranchi, Udaipur, Kanpur, Darbhanga 

 

बच्चों में वायरल फीवर से जुड़े सामान्य प्रश्न (Frequently Asked Questions on Viral Fever in Children)

बच्चों में वायरल फीवर क्यों होता है?

बच्चों की इम्यूनिटी सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होती। बदलते मौसम, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाना और संक्रमित लोगों के संपर्क में आना बच्चों में वायरल फीवर का कारण बनता है।

बच्चों में वायरल फीवर के सामान्य लक्षण क्या हैं?

तेज बुखार, गले में खराश, खांसी, नाक बहना, कमजोरी, भूख कम लगना, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और चिड़चिड़ापन इसके आम लक्षण हैं।

बच्चों में वायरल फीवर कितने दिनों में ठीक हो जाता है?

अधिकतर मामलों में वायरल फीवर 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता है। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से परामर्श लें।

बच्चों के वायरल फीवर में क्या खाना चाहिए?

सुपाच्य और हल्का भोजन दें जैसे खिचड़ी, मूंग दाल, दलिया, सूप, ताजे फल और नारियल पानी। पर्याप्त हाइड्रेशन बनाए रखें।

वायरल फीवर में कौन सी दवा दी जाती है?

बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल दी जाती है। लेकिन दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह अनुसार ही दें।

बच्चों में वायरल फीवर में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर बुखार 3-4 दिन से ज्यादा रहे, बच्चा सुस्त हो जाए, सांस लेने में दिक्कत हो, उल्टी-दस्त बार-बार हो, शरीर पर रैशेज दिखें या दौरे पड़ें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

बच्चों में वायरल फीवर से कैसे बचाव किया जा सकता है?

बच्चों को नियमित हाथ धोने की आदत डालें, भीड़भाड़ से दूर रखें, सभी टीके समय पर लगवाएं, पोषणयुक्त भोजन दें और घर को साफ-सुथरा रखें।

वायरल फीवर और बैक्टीरियल फीवर में क्या फर्क होता है?

वायरल फीवर वायरस के कारण होता है जबकि बैक्टीरियल फीवर बैक्टीरिया से। दोनों का इलाज अलग होता है इसलिए डॉक्टर की जांच आवश्यक है।

क्या वायरल फीवर संक्रामक होता है?

हाँ, वायरल फीवर के वायरस खांसी, छींक या संपर्क के माध्यम से फैल सकते हैं। सावधानी बरतना जरूरी है।

बच्चों में वायरल फीवर में कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?

अगर लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर ब्लड टेस्ट, डेंगू टेस्ट, CBC या अन्य जांच सुझा सकते हैं।

Sheila Chitranshi
Dr. Sheila Chitranshi
Associate Director - PAEDIATRICS
Meet The Doctor

Recent Blogs

गर्मी का मौसम बच्चों के लिए खेल और मस्ती का समय हो सकता है, लेकिन यह उनके स्वास्थ्य के लिए कई परेशानियां भी लेकर आता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, बच्चों को लू लगना, डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, स्किन रैश, उल्टी-दस्त और फूड पॉइज़निंग जैसी दिक्कतों का खतरा भी बढ़ जाता है।
Continue Reading
Request A Call Back
Didn't Find What You Were Looking For

Get a call back from our Health Advisor